ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं ठः ठः (अमुका) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥ ॐ नमो काला कलबा काली रात जिसकी पुतली मांझा राख काला कलवा घाट बाट सोती को जगाई लाव, बैठी को उठाई लाव खड़ी को चला लाव, बेगी धर्या लाव मोहनी जोहनी चल राज की टांड ‘अमुकी’ हजार जाप https://jasperyoftj.qowap.com/97003587/how-much-you-need-to-expect-you-ll-pay-for-a-good-ghar-baithe-vashikaran